पांच साल में पैदा होंगे 17 करोड़ नए मौके, खत्म होंगी 9 करोड़ नौकरियां; कैसा होगा भविष्य का जॉब मार्केट?
पांच साल में पैदा होंगे 17 करोड़ नए मौके, खत्म होंगी 9 करोड़ नौकरियां; कैसा होगा भविष्य का जॉब मार्केट?
पुरालेख का मानना है कि कार्य में डिजिटल एक्ज़ेक सबसे अधिक परिवर्तन लाने वाला साबित हो सकता है। 60 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि 2030 तक उनका व्यवसाय बदल जाएगा। विशेष रूप से होटल सूचना में तकनीकी रोबोटिक्स ऑटोमोटिव आदि की भूमिका होगी। इनके दस्तावेज़ पर अलग-अलग प्रभाव की उम्मीद है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

कुशल और सक्षम कार्यकुशलता के संकट से दुनिया भर के देश सीख रहे हैं और इस बीच रोजगार का बाजार नई करवट लेने के लिए तैयार है। इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा और चिंता के केंद्र में आर्टिफिशियल इंस्टीट्यूट (आर्टिफिसियल इंस्टीट्यूट) ही है, लेकिन विश्व श्रम संगठन (आईआईएओ) के आंकड़ों के साथ-साथ टेक्निकल इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूईएफ) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व श्रम संगठन (आईआईएओ) के आंकड़ों के साथ आर्टिफिशियल इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूईएफ) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व श्रम संगठन (आईआईएओ) के आंकड़ों के साथ ऐसे ही कई अन्य कारक भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हो रहे हैं।
इस रिपोर्ट में वर्ष 2025 से 2030 तक का अनुमान लगाया गया है यानी अगले पांच वर्षों में विश्व में वर्तमान विद्वानों के दृष्टिकोण से कुल 22 प्रतिशत प्रतिशत प्रभावित होंगे। इनमें 17 करोड़ नए अवसर तैयार होंगे, जबकि 9.2 करोड़ रोजगार समाप्त होने का अनुमान है। इसके बावजूद रोजगार में सात प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि का अनुमान है।
उद्योग, निवेश, रोजगार और कौशल विकास के विभिन्न नामों पर वैयक्तिकृत फर्मों के मंच पर दावोस में चर्चा शुरू हो गई है, इस बीच डब्ल्यूईएफ की ताजा रिपोर्ट ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट-2025’ वैश्विक श्रम बाजार के बदलाव और साक्षात्कार की ओर ध्यान आकृष्ट कर रही है।
इस रिपोर्ट में वर्ष 2030 तक विश्व श्रम बाजार के बदलावों के लिए पांच चित्रों को मुख्य रूप से दर्शाया गया है। इनमें तकनीकी परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक परिवर्तन, परिवर्तनीय बदलाव, ग्रीन ट्रांज़िशन और भू-आर्थिक परिवर्तन शामिल हैं।
डिजिटल लिंक का सबसे अधिक प्रभाव
विशेषज्ञ का मानना है कि कार्य में डिजिटल एक्वेरियम सबसे अधिक परिवर्तन वाला साबित हो सकता है। 60 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि 2030 तक उनका व्यवसाय बदल जाएगा। इसमें विशेष रूप से आर्किटेक्चर, सूचना प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव आदि की भूमिका होगी। इनके दस्तावेज़ पर अलग-अलग प्रभाव की उम्मीद है।
जीवनयापन की जनसंख्या कुल मिलाकर दूसरा सबसे परिवर्तनकारी कारक माना जा रहा है। 50 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि यह वैश्विक स्तर पर नामांकन में कमी के बावजूद 2030 तक उनके व्यवसाय में बदलाव आएगा। इससे 42 प्रतिशत जोश में बदलाव आने की उम्मीद है। संस्थागत के कारण शुद्ध रोजगार सृजन को लेकर दृष्टिकोण मिश्रित है, जबकि 16 लाख पर वैश्विक स्तर पर सकल आर्थिक वृद्धि से लाभ समाप्त होने की उम्मीद है।
जलवायु परिवर्तन का क्या असर होगा?
परिवर्तन को लेकर 41 प्रतिशत शेयरधारकों ने व्यवसाय में बदलाव की उम्मीद जताई है। इससे संबंधित अक्षय ऊर्जा सजीव, पर्यावरण वैज्ञानिक और इलेक्ट्रानिक और ऑटोनोमस के अध्ययनकर्ता, वास्तुविद् और इलेक्ट्रानिक और ऑटोनोमस के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसी तरह की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो बदलावों से वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं और श्रम उद्योग तेजी से बदल रहे हैं।
आयु वृद्धि और काम करने की आयु वाली जनसंख्या में कमी मुख्य रूप से उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था में देखी जा रही है, जबकि काम करने की आयु वाली जनसंख्या में वृद्धि मुख्य रूप से निम्न आय वाली अर्थव्यवस्था में दिख रही है। उम्र वाली आबादी वाली आबादी में वृद्धि को बढ़ावा देने वाली संस्था, जबकि उच्च शिक्षा वाली आबादी वाली आबादी में वृद्धि शिक्षा से संबंधित सहकारी समिति जैसे उच्च शिक्षा वृद्धि को बढ़ावा दे सकती है। इसी तरह अपने भू-बैंकों का भी असर होगा।
तेजी से बढ़ रहा रोजगार का क्षेत्र
बिग डेटा स्पेशलिस्ट, फिनटेक इंजीनियर, शिपमेंट और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट, टेक्नोलॉजी और एप्लीकेशन हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स स्पेशलिस्ट, डेटा वेयरहाउसिंग स्पेशलिस्ट, ऑटोनोमस और इलेक्ट्रिक डीलर स्पेशलिस्ट, जीयूआई और यूएक्स डिजाइनर, शिप ट्रक और बिजनेस सर्विस ड्राइवर, डेटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट, एनवायरमेंटल इंजीनियर, इन्फॉर्मेशन एस्ट्रोनालिस्ट, डेप्स इंजीनियर, रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर।
रोज़गार के क्षेत्र में तेजी से घटते
पोस्टल सर्विस क्लर्क, बैंक टेलर और संबंधित क्लर्क, डेटा एंट्री क्लर्क, कैशियर और टिकट क्लर्क, सहायक सहायक और कार्यकारी सचिव, प्रिटिंग और उनसे संबंधित व्यवसाय के कर्मचारी, मैटरियल, रिकॉर्डिंग और स्टॉक कीपिघ क्लर्क, डिलीवरी अटेंडेंट और एसोसिएट, टू डोरा सेल्स कारसेवा, स्ट्रीट वेंडर, ग्राफिक डिज़ाइनर, क्लेम एडजस्टर, एग्ज़मिनर और इनवेस्टिगेटर, लीगल रेडियो, लीगल कॉस्ट्यूम, टेलीमार्केटर।
इनसे भी वृद्धि की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रंटलाइन जॉब रोल्स में सबसे ज्यादा ग्रोथ देखने को मिलती है। इनमें फ़ॉर्मवर्कर, फ़्लोरिडा ड्राइवर, निर्माण श्रमिक, सेल्सपर्सन, फ़ार्म कमर्शियल, व्यावसायिक, समाज सेवा, काउंसिलिंग पेशेवर, शिक्षक शामिल हैं।
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