CBSE Board Exams: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में 2 बार कैसे होगी? रिजल्ट के लिए क्या है मास्टर प्लान?

CBSE Board Exams: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में 2 बार कैसे होगी? रिजल्ट के लिए क्या है मास्टर प्लान?

नई दिल्ली (CBSE Board Exams). नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए एजुकेशन सिस्टम में कई बदलाव किए जा रहे हैं. लंबे समय से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के साल में 2 बार होने की चर्चा चल रही थी. कोविड काल में बच्चों को सहूलियत देने के लिए ऐसा किया भी गया था. तब सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दो टर्म में हुई थी. अब अगले साल यानी 2026 से सीबीएसई 10वीं, 12वीं परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करवाने का मास्टर प्लान बन रहा है (CBSE Board Exams Twice a Year).

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने की योजना अभी प्रस्तावित है और इसे 2025-26 शैक्षणिक सत्र से लागू करने की चर्चा चल रही है. यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP 2020) और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत प्रस्तावित है. इसका मकसद स्टूडेंट्स के तनाव को कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का मौका देना है. सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में 2 बार होने पर वही रिजल्ट माना जाएगा, जिसमें मार्क्स ज्यादा होंगे.

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में क्या बदलाव होंगे?

  1. दो परीक्षाओं का समय
    पहली परीक्षा: संभावित रूप से जनवरी-फरवरी या नवंबर-दिसंबर में हो सकती है. यह मुख्य बोर्ड परीक्षा की तरह होगी, जिसमें पूरा सिलेबस शामिल होगा. माना जा रहा है कि फरवरी का टाइम ज्यादा उचित रहेगा. पॉल्यूशन ब्रेक और विंटर वेकेशन की वजह से सिलेबस दिसंबर-जनवरी तक ही पूरा हो पाएगा.

दूसरी परीक्षा: मार्च-अप्रैल या जून में हो सकती है. यह या तो सप्लीमेंट्री/इंप्रूवमेंट परीक्षा होगी या दूसरी मुख्य परीक्षा के रूप में आयोजित की जाएगी. शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड फिलहाल इस पर विचार कर रहे हैं.

2. वैकल्पिक भागीदारी
किसी भी स्टूडेंट के लिए दोनों परीक्षाएं देना अनिवार्य नहीं होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि यह स्टूडेंट्स के लिए वैकल्पिक होगा. अगर कोई स्टूडेंट पहली परीक्षा के रिजल्ट से संतुष्ट है तो उसे दूसरी परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी.

3. बेस्ट स्कोर का चयन
दोनों परीक्षाओं में से बेहतर अंक मार्क्स को फाइनल मार्कशीट में शामिल किया जाएगा. इससे स्टूडेंट्स को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का मौका मिलेगा. उदाहरण के लिए, अगर पहली परीक्षा में 80% और दूसरी में 90% अंक आए तो 90% को फाइनल माना जाएगा.

4. सीबीएसई बोर्ड सिलेबस और पैटर्न
दोनों परीक्षाओं का सिलेबस वही रहेगा, जो मौजूदा 10वीं और 12वीं का है. सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की अभी कोई योजना नहीं है. परीक्षा का पैटर्न पहले जैसा ही रहेगा यानी कि इसमें थ्योरी, प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट शामिल होंगे.

5. लॉजिस्टिक्स और तैयारी
शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई को इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा है. इसमें स्कूलों के शेड्यूल, पेपर सेटिंग, मूल्यांकन और रिजल्ट घोषणा जैसे पहलुओं पर काम चल रहा है. स्कूल प्रिंसिपल्स के साथ सलाह करके तय किया जाएगा कि 2 परीक्षाएं एकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किए बिना कैसे होंगी.

6. सीबीएसई के सामने क्या चुनौती है?
समय की कमी: मौजूदा दौर में सीबीएसई बोर्ड की एक परीक्षा के लिए 310 दिन और 150+ स्टेप्स लगते हैं. 2 परीक्षाओं के लिए शेड्यूल को संक्षिप्त करना होगा.

वैश्विक स्कूल: सीबीएसई के स्कूल देश-विदेश में हैं. इसलिए अलग-अलग मौसम और छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल बनाए जाएंगे.

7. साल में 2 बार बोर्ड परीक्षा के फायदे

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