Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News : रायपुर में फिर जमे प्रदर्शनकारी BEd अभ्यर्थी.. नहीं मनाएंगे होली, धरना स्थल
Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News : रायपुर में फिर जमे प्रदर्शनकारी BEd अभ्यर्थी.. नहीं मनाएंगे होली, धरना स्थल

HIGHLIGHTS
Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News & Updates: रायपुर: छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव समपन्न हो चुके है। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता ही शिथिल हो चुका है। ऐसे में एक बार फिर से प्रदर्शनकारी बीएड अभ्यर्थी फिर से राजधानी रायपुर कुछ कर चुके है। प्रदेश भर के B.Ed सहायक शिक्षक सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में इस बार होली नहीं मनाएंगे। नया रायपुर धरना स्थल पर ही होलिका दहन करेंगे। समायोजन की मांग को लेकर पिछले कई महीनो से प्रदेश भर के सहायक शिक्षक धरना , प्रदर्शन आंदोलन कर रहे है।
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ के 2,897 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। नौकरी से निकाले गए यह शिक्षक अपना बोरिया-बिस्तर लेकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर जमा हो गए हैं। सरकार के खिलाफ इन्होंने नारेबाजी की है। शिक्षकों का कहना है सरकार ने कमेटी बना दी है लेकिन फैसला करने में सुस्ती दिखा रही है। उनका कहना है कि हमारी मांग है कि कि इस मामले में जल्दी फैसला किया जाए।
Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News & Updates: समायोजन की मांग को लेकर लम्बे समय तक धरना, प्रदर्शन, आंदोलन करने वाले प्रदेश भर के बीएड सहायक शिक्षकों ने एक बार फिर से नया रायपुर में धरना शुरू कर दिया है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने करीब 2800 बीएड सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया था। इस बीच नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लगने पर इन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब यह फिर से धरने पर बैठ गए हैं।
इससे पहले भी 45 से ज्यादा दिनों तक शिक्षक प्रदर्शन में बैठे थे। लेकिन नगरीय निकाय की आचार संहिता लगने के कारण उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब फिर से प्रदर्शन करने का मतलब है कि सरकार ने जो कमेटी बनाई है उसका फैसला तुरंत होना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार हमें फिर से नियुक्त नहीं किया तो घर के बाहर निकलने से पहले उसकी सुरक्षा की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।
शिक्षकों ने रखी ऐसी मांग
Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News & Updates: बीएड शिक्षकों का कहना है कि हमारा समायोजन किया जाए ताकि वे नौकरी से बाहर नहीं हो सकें। बिना समाधान नौकरी से निकाले जाने के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। जो कमेटी बनाई गई है उसे समय सीमा में किया जाए ताकि फैसला आने में देरी नहीं हो। हमें न्याय और सम्मान मिले।
धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने हमें खुद भर्ती किया, अब कोर्ट के फैसले की आड़ में बाहर कर रही है। यह किसकी गलती है। हाईपावर कमेटी बनाई गई तो फैसला भी जल्दी आना था लेकिन हम अब भी इंतजार ही कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि हमारा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। अगर हमारी ही नौकरी छीननी थी, तो पहले क्यों दी थी?
जानें क्या है पूरा मामला
Chhattisgarh B.Ed. Candidate Protest News & Updates: बीएड शिक्षकों का ये पूरा मसला 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन की ओर से जारी एक गाइडलाइन के बाद सामने आया है। गाइडलाइन में बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के योग्य माना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर छत्तीसगढ़ के 2897 शिक्षकों पर भी पड़ा। जिस कारण से उनको नौकरी से निकाल दिया गया था।
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