विकास दिव्यकीर्ति बेचने जा रहे अपना पूरा बिजनेस, 2500 करोड़ रुपये लग गया दाम
विकास दिव्यकीर्ति बेचने जा रहे अपना पूरा बिजनेस, 2500 करोड़ रुपये लग गया दाम

भारतीय एजुकेशन और मोटिवेशन की दुनिया में बड़ा नाम कमाने वाले विकास दिव्यकीर्ति अब अपना पूरा बिजनेस बेचने के मूड में हैं. उनके बिजनेस को खरीदने में एक और एडुटेक कंपनी के फाउंडर ने खास रुचि दिखाई है. अगर दोनों कंपनियों की बातचीत सफल रही तो यह सौदा 2,500 करोड़ रुपये में पूरा हो जाएगा. यह डील कंप्लीट होती है तो भारतीय एजुटेक की दुनिया का हाल में हुआ सबसे बड़ा सौदा होगा.
इनट्रैकर ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ऑनलाइन एडुटेक प्लेटफॉर्म फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) के फाउंडर अलख पांडेय ने विकास दिव्यकीर्ति के बिजनेस को खरीदने में रुचि दिखाई है. दोनों की बातचीत अभी शुरुआती स्तर पर है. यह पूरी डील दृष्टि आईएएस इंस्टीट्यूट को खरीदने के लिए हो रही है, जिसकी कीमत करीब 2,500 करोड़ रुपये लगाई गई है. यह डील पिछले कुछ वर्षों में हुए सबसे बड़ी डील में से एक है.
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आईपीओ लाने की तैयारी
एडुटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला ने अपना आईपीओ लाने की भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह यूनिकॉर्न स्टार्टअप 50 करोड़ डॉलर (4,300 करोड़ रुपये) का आईपीओ लाने की तैयारी में है. कयास लगाए जा रहे कि इस आईपीओ के बाद ही एडुटेक स्टार्टअप दृष्टि आईएएस इंस्टीट्यूट के अधिग्रहण पर आगे बढ़ेगा. वैसे दोनों कंपनियों के बीच में पिछले जनवरी से ही बातचीत चल रही है.
कितना है स्टार्टअप का वैल्यूएशन
नोएडा स्थित कंपनी ने हाल ही में तीन स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की है और 50 करोड़ डॉलर के आईपीओ के लिए इसके वैल्यूएशन के लिए 5 अरब डॉलर (करीब 50 हजार करोड़ रुपये) का लक्ष्य रखा है. हालांकि, दृष्टि आईएएस के सीईओ विवेक तिवारी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘हम अपने भविष्य की योजनाओं के लिए विभिन्न संगठनों (आईपीओ बैंकर, पीई और एडुटेक संस्थापक) के कई लोगों से मिल रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है.’
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26 साल पहले शुरू हुआ सफर
विकास दिव्यकीर्ति ने 26 साल पहले दृष्टि IAS की स्थापना की थी. यह सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी के लिए एक प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान है. इस प्लेटफॉर्म ने FY24 में 405 करोड़ रुपये का राजस्व और 90 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. दिल्ली के मुखर्जी नगर केंद्र ने कंपनी के कुल राजस्व का 58% कमाया, जबकि अन्य केंद्र प्रयागराज, जयपुर और करोलबाग में स्थित हैं. दूसरी ओर, वित्तीय वर्ष 2024 में फिजिक्सवाला की कमाई बढ़कर 1,940.4 करोड़ रुपये हो गई. यह वित्तीय वर्ष 2023 के 744.3 करोड़ रुपये से 160% ज्यादा है. हालांकि, बढ़ते खर्चों के कारण नुकसान भी बढ़ गए जो वित्तीय वर्ष 2023 के 84 करोड़ रुपये से 2024 में 1,131 करोड़ पहुंच गए.
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