सुबह हार्ट अटैक के मामले पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में क्यों आम हैं? जानें डॉक्टर से
सुबह हार्ट अटैक के मामले पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में क्यों आम हैं? जानें डॉक्टर से

Is the Problem of Morning Heart Attack Common in Women : हार्ट शरीर के सबसे सेंसिटिव हिस्सों में से एक होता है। यही वजह है कि दिल से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। आजकल के खराब लाइफस्टाइल की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बता दें कि दिल से जुड़ी समस्याएं किसी भी लिंग के लोगों को अपना शिकार बना सकती हैं। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि सुबह के समय आने वाले हार्ट अटैक महिलाओं को ही ज्यादा शिकार बनाते हैं। आइए इस सवाल का जवाब डॉ. निरंजन हिरेमथ, अपोलो इंद्रप्रस्थ में वरिष्ठ सलाहकार कार्डियोवास्कुलर और महाधमनी सर्जन (Dr. Niranjan Hiremath, Senior Consultant Cardiovascular and Aortic Surgeon at Apollo Indraprastha) से जान लेते हैं।
हार्ट अटैक क्या है?- What is a Heart Attack
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बता दें कि हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन भी कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है, जब दिल में खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह एक जानलेवा चिकित्सीय आपात स्थिति है, जिसका समय रहते इलाज होना जरूरी है। अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। ऐसे में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि क्या सच में, महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले पुरूषों के मुकाबले ज्यादा हो सकते हैं।
क्या महिलाओं में सुबह-सुबह दिल का दौरा आम है?- Are Early Morning Heart Attacks Common in Women
सुबह-सुबह दिल का दौरा पड़ना एक बड़ी चिंता का विषय है। आमतौर पर दिल के दौरे की समस्या पुरुषों से जुड़े होती है, हालांकि, महिलाएं इस जोखिम से अछूती नहीं हैं। बता दें कि प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रियाओं के कारण दिल के दौरे की सबसे अधिक घटनाएं आमतौर पर सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीच होती है। इसका मतलब यह है कि हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए एक समान होता है।
महिलाओं और पुरुषों में अलग होते हैं लक्षण?- Are the Symptoms Different in Men and Women
हार्ट अटैक के प्राथमिक कारणों में से एक कोर्टिसोल का बढ़ना है, जो एक तनाव हार्मोन है। यह शरीर को जगाने और दिन के लिए तैयार होने में मदद करते हैं। हालांकि, शरीर में कोर्टिसोल अचानक बढ़ने से ब्लड प्रेशर, हृदय गति और उच्च रक्त के थक्के की समस्या हो सकती है, जिससे हृदय ज्यादा कमजोर हो जाता है। इसके अतिरिक्त, सुबह के समय ब्लड वैसल्स ज्यादा संकुचित होती हैं, जिससे हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। बता दें कि महिलाओं को अक्सर पुरुषों की तुलना में अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिससे अटैक की शुरुआती पहचान में कोई समस्या हो जाती है। महिलाओं को सीने में दर्द की जगह मतली, चक्कर आना, ज्यादा थकान, सांस या जबड़े की तकलीफ, पीठ या बाहों में दर्द महसूस हो सकता है। इन लक्षणों को अक्सर अपच या चिंता के रूप में गलत समझ लिया जाता है, जिससे चिकित्सा सहायता लेने में देरी हो सकती है।
किन स्थितियों में बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा?- In which Conditions can the Risk of Heart Attack Increase
हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियां जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, तनाव, खराब आहार, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे लाइफस्टाइल फैक्टर्स भी सुबह-सुबह दिल से जुड़ी घटनाओं में योगदान करते हैं। अगर आप हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने के लिए, महिलाओं को संतुलित आहार बनाए रखने, नियमित रूप से व्यायाम करने, तनाव को प्रबंधित करने और उचित नींद सुनिश्चित करने की जरूरत है। दिल की सेहत के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच, ब्लड प्रेशर की निगरानी और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करना दिल के दौरे को रोकने में महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, सुबह के समय महिलाओं और पुरूषों दोनों में से किसी को भी हार्ट अटैक आ सकता है। ऐसे में महिलाओं को किसी भी असामान्य असुविधा को, विशेष रूप से सुबह के समय की दिल से जुड़ी परेशानियों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस स्स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता जीवन-रक्षक अंतर ला सकती है।
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